क्या आप शेयर मार्केट में निवेश करते है तो आपको Lagging Indicator के बारे में पता होना चाहिए, हाल में कई छोटे बड़े निवेशक बाजार की स्थिति को समझने के लिए लैगिंग इंडिकेटर का उपयोग करते है, यह इंडिकेटर बाजार की वर्तमान स्थिति को दर्शाते है एवं इसकी मदद से आप स्टॉक की कीमतों का अंदाजा लगा सकते है.

Best Lagging Indicator in Hindi

आज के समय में ज्यादातर निवेशको के द्वारा लैगिंग इंडिकेटर का उपयोग किया जाता है, यह इंडिकेटर मुख्यत निशुल्क होते है एवं यह इंडिकेटर स्टॉक और इंडेक्स दोनों में अच्छी तरह से काम करते है, अगर आप इन इंडिकेटर का सही तरह से उपयोग करना सीख जाते है तो इसकी मदद से आप स्टॉक मार्केट में बहुत ही अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते है.

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लैगिंग इंडिकेटर क्या है

लैगिंग इंडिकेटर किसी भी स्टॉक के पुराने डेटा को देखकर उसकी वर्त्तमान स्थिति को दर्शाते है, इसकी मदद से आप यह अंदाजा लगा सकते है की किस स्टॉक की कीमते बढ़ने वाली है और किस स्टॉक की कीमते घटने वाली है, लैगिंग इंडिकेटर कैंडल बनने के बाद अपने यूजर को डेटा देखाते है इसलिए इन्हें लैगिंग इंडिकेटर कहा जाता है.

सबसे अच्छे लैगिंग इंडिकेटर

स्टॉक मार्केट में 2 प्रकार के इंडिकेटर होते है, पहला लीडिंग इंडिकेटर और दूसरा लैगिंग इंडिकेटर, लैगिंग इंडिकेटर की तुलना में लीडिंग इंडिकेटर काफी ज्यादा बेहतर होते है क्युकी यह आपको एडवांस में मार्किट का ट्रेंड दिखाते है, अगर आप लैगिंग इंडिकेटर का उपयोग करना चाहते है तो हम आपको कुछ बेहतरीन इंडिकेटर बता रहे है जो निम्न प्रकार से है,

मूविंग एवरेज

मूविंग एवरेज बहुत ही लोकप्रिय इंडिकेटर है, यह स्टॉक की कीमतों को स्मूथ करके एक ट्रेंडलाइन बनाता है, इसकी मदद से आप मार्केट के ट्रेंड को पहचान सकते है एवं मूविंग एवरेज का उपयोग करके आप एक अच्छा ट्रेड भी ले सकते है, मूविंग एवरेज का उपयोग कई अलग अलग तरीको से किया जा सकता है जैसे:

  • मार्केट ट्रेंड – अगर किसी स्टॉक की कैंडल मूविंग एवरेज के निचे बन रही है तो उसे डाउनट्रेंड कहा जाता है एवं अगर किसी स्टॉक की कैंडल मूविंग एवरेज के ऊपर बन रही है तो उसे उपट्रेंड कहा जाता है, डाउन ट्रेंड में आप बिकवाली कर सकते है एवं उपट्रेंड में आप खरीददारी कर सकते है.
  • सपोर्ट रेजिस्टेंस – मूविंग एवरेज का उपयोग आप सपोर्ट रेजिस्टेंस के रूप में भी कर सकते है, अगर किसी स्टॉक की कीमत मूविंग एवरेज पर सपोर्ट ले रही है तो वहां पर आप खरीददारी कर सकते है एवं अगर किसी स्टॉक की कीमत मूविंग एवरेज पर रेजिस्टेंस ले रही है तो वहां आप बिकवाली कर सकते है.
  • क्रॉसओवर – इसमें एक साथ 2 अलग अलग मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है, जब एक मूविंग एवरेज दूसरी मूविंग एवरेज को क्रॉस करती है तो उस वक्त निवेशक मार्केट के ट्रेंड को देखकर खरीददारी या बिकवाली करते है.

इस प्रकार से मूविंग एवरेज का आप कई अलग अगल तरीके से उपयोग कर सकते है एवं इसकी मदद से आप एक बेहतरीन ट्रेड ले सकते है, यह इंडिकेटर मार्केट के ट्रेंड को पहचानने में काफी ज्यादा मददगार साबित हो सकता है.

मूविंग एवरेज के फायदे 

  • यह किसी भी स्टॉक के दीर्घकालिक या अल्पकालिक ट्रेंड को समझने में मदद करता है.
  • इसका उपयोग आप सपोर्ट-रेजिस्टेंस, क्रॉसओवर, और ट्रेंड रिवर्सल पहचानने के लिए कर सकते है.
  • इसे आप कम वॉलैटिलिटी में भी इस्तमाल कर सकते है, यह शोर (noise) को हटाने में मदद करता है.

नुकसान

  • इसमें आपको देरी से संकेत मिलते है, जिससे आप एक अच्छा मौका गँवा सकते है.
  • कई बार बाजार में होने वाले उतार चढ़ाव के कारण यह आपको झूठे सिग्नल दे सकता है.
  • साइडवेज मार्केट में मूविंग एवरेज सही तरीके से काम नहीं करता एवं गलत सिग्नल दे सकता है.

MACD

यह स्टॉक मार्केट का दूसरा सबसे लोकप्रिय लैगिंग इंडिकेटर है, इसमें निवेशक क्रॉसओवर होने पर ट्रेड लेते है, MACD का पूरा नाम मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस होता है एवं यह क्रॉसओवर के माध्यम से ट्रेड लेने का सिग्नल प्रदान करता है, इसमें आपको सिग्नल रेखा और हिस्टोग्राम दो फीचर दिए जाते है.

हिस्टोग्राम के द्वारा आप वॉल्यूम को देख सकते है की स्टॉक में कितना वॉल्यूम है एवं सिग्नल रेखा के द्वारा आप यह अंदाजा लगा सकते है की किसी भी स्टॉक में आपको किस वक्त खरीददारी करनी है और किस वक्त बिकवाली करनी है, यह इंडिकेटर ट्रेडिंग मार्किट में बहुत ही अच्छे सिग्नल दे सकता है.

MACD के फायदे

  • यह मौजूदा ट्रेड को स्पष्ट करता है जिससे आपको ट्रेड लेने में आसानी होगी.
  • इसका हिस्टोग्राम वॉल्यूम की ताकत और कमजोरी को दर्शाता है.
  • यह खरीददारी करने एवं बिकवाली करने के बेहतरीन संकेत देता है.

MACD के नुकसान 

  • यह लैगिंग इंडिकेटर है, इसके सिग्नल हमेशा देरी से मिलते है.
  • नए निवेशकों को क्रॉसओवर और हिस्टोग्राम समझने में कठिनाई हो सकती है.
  • कम वॉल्यूम और साइडवेज मार्केट में यह झूठे सिग्नल दे सकता है

Supertrand Indicator

अगर आप स्टॉक मार्केट निवेशक है तो आपने सुपरट्रेंड इंडिकेटर के बारे में जरुर सुना होगा, यह एक लोकप्रिय लैगिंग इंडिकेटर है एवं इसमें आपको किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए Buy और किसी भी स्टॉक को बेचने के लिए Sell का सिग्नल दिया जाता है, नए निवेशक इस इंडिकेटर को काफी ज्यादा पसंद करते है क्युकी इसमें उन्हें डायरेक्ट खरीददारी और बिकवाली के सिग्नल मिलते है.

यह एक निशुल्क इंडिकेटर है, जो आपको सभी ट्रेडिंग एप्लीकेशन में आसानी से मिल जाता है, हालांकि यह एक लैगिंग इंडिकेटर है इसलिए इसके सिग्नल देरी से जनरेट होते है, अगर आप इस इंडिकेटर के आधार पर निवेश करते है तो आपको सही जगह पर खरीददारी और बिकवाली करने में दिक्कत हो सकती है.

सुपरट्रेंड के फायदे 

  • इसमें आपको “Buy” और “Sell” के सटीक संकेत प्राप्त होते है.
  • नए निवेशक इस इंडिकेटर को आसानी से समझ सकते है.
  • यह निशुल्क इंडिकेटर है एवं सभी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है

सुपरट्रेंड के नुकसान

  • अत्यधिक वोलैटाइल बाजार में झूठे सिग्नल दे सकता है.
  • ट्रेंड पहले शुरू हो जाता है, जबकि इंडिकेटर बाद में संकेत देता है.
  • स्टॉप-लॉस के बिना इसका उपयोग जोखिम भरा हो सकता है

बोलिंजर बैंड्स

स्टॉक मार्केट के ट्रेंड को पहचानने के लिए यह भी एक बेहतरीन इंडिकेटर है, यह इंडिकेटर बाजार की अस्थिरता को मापने में मदद करता है, इसमें 2 मूविंग एवरेज होते है जो कैंडल के ऊपर और निचे प्लॉट होते है, इसकी मदद से आप किसी भी स्टॉक के ओवरबॉट और ओवरसोल्ड होने का अंदाजा लगा सकते है.

जब किसी स्टॉक की कीमत इस इंडिकेटर के बैंड्स से बाहर जाती है तो उस वक्त स्टॉक की कीमतों में भारी उतार चढ़ाव होने का अनुमान लगाया जाता है, इस इंडिकेटर का उपयोग करना आसान है लेकिन इसका सही तरीके से उपयोग करने के लिए आपको अभ्यास करना जरूरी है.

बोलिंजर बैंड्स के फायदे

  • यह बाजार की वॉलैटिलिटी को मापता है एवं मार्केट का ट्रेंड दिखाता है.
  • यह आपको बताता है की स्टॉक की खरीददारी ज्यादा है या बिकवाली ज्यादा है.
  • जब कीमत बैंड्स से बाहर जाती है, तो संभावित ट्रेंड रिवर्सल का संकेत मिलता है.

बोलिंजर बैंड्स के नुकसान 

  • कई बार कीमत बैंड्स से बाहर जाती है लेकिन वापस ट्रेंड में लौट आती है.
  • नए निवेशकों को बैंड्स और उनके महत्व को समझने में समय लगता है
  • सटीकता बढ़ाने के लिए अन्य इंडिकेटर्स के साथ उपयोग करना पड़ता है

इचिमोकु क्लाउड

इचिमोकू क्लाउड को आल इन वन इंडिकेटर के रूप में भी जाना जाता है, यह इंडिकेटर आपको सपोर्ट, रेजिस्टेंस, मार्किट ट्रेंड, उपट्रेंड, डाउनट्रेंड जैसे कई तरह के अलग अलग सिग्नल प्रदान करता है जिसकी मदद से आप सही स्टॉक में सही जगह पर ट्रेड ले सकते है, इस इंडिकेटर को जापानी पत्रकार गोइची होसोदा ने के द्वारा विकसित किया गया है.

इस इंडिकेटर में 2 रेखाएं होते है जो सपोर्ट रेजिस्टेंस की तरह काम करती है एवं इसमें एक क्लाउड भी होता है जो आपको मार्केट के अपट्रेंड और डाउनट्रेंड के बारे में संकेत देता है, इस इंडिकेटर का सही तरीके से उपयोग करने के लिए आपको इसका अच्छा अभ्यास करना होगा एवं इसका बेकटेस्ट करना होगा.

इचिमोकू क्लाउड के फायदे

  • यह सपोर्ट, रेजिस्टेंस, ट्रेंड, और मोमेंटम को एक साथ दर्शाता है.
  • इचिमोकू क्लाउड की मदद से आप स्पष्ट रूप से ट्रेंड की दिशा जान सकते हैं
  • यह दीर्घकालिक निवेशकों के लिए फायदेमंद है

इचिमोकू क्लाउड के नुकसान

  • नए निवेशकों को इसकी रेखाओं और क्लाउड को समझने में कठिनाई होती सकती है.
  • यह भी पुराने डेटा के आधार पर संकेत देता है
  • इसे प्रभावी तरीके से उपयोग करने के लिए अच्छा अभ्यास जरूरी है

अगर आप किसी लैगिंग इंडिकेटर का उपयोग करते है तो आपको यह पता होना चाहिए की लैगिंग इंडिकेटर हमेशा देरी से सिग्नल प्रदान करते है, इससे आप एक अच्छा मूवमेंट मिस कर सकते है एवं अगर आप लैगिंग इंडिकेटर की मदद से ट्रेड लेते है तो आपको स्टॉप लॉस लगाना जरूरी है, नहीं तो आपको बड़ा नुकसान देखने के लिए मिल सकता है.

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इस लेख में हमने आपको Best Lagging Indicator in Hindi के बारे में जानकारी प्रदान की है, अगर आप लैगिंग इंडिकेटर से जुडा किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहते है तो आप हमे कमेंट कर सकते है एवं जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें.

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Raghuveer Singh
मेरा नाम रघुवीर सिंह है एवं में भारतीय स्टॉक मार्केट का विशेषज्ञ हूँ, मुझे पिछले 8 वर्षो से भारतीय स्टॉक मार्केट का बहुत ही अच्छा अनुभव है, इस ब्लॉग पर में प्रत्येक जानकारी को पूर्ण सटीकता और विश्लेषण के साथ प्रदान करता हूँ.

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